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Saturday 10 November 2012

जैन साधु –दिगम्बर व श्वेताम्बर ..


जैन साधु –दिगम्बर व श्वेताम्बर .......
कितना सुन्दर कथन है नग्न दिगम्बर साधु के लिए ......
उपधि (कपडे)  आदि जो उपकरण हैं ,जो साधु इनका त्याग कर देता है वह परम समाधि में रहता है ! क्योंकि कपडे आदि पहनने हैं तो पहले कपडा खोजना पड़ेगा ,फिर लाना पड़ेगा ,फिर उसकी सिलाई करनी होगी ! फिर कभी कभी धोना पड़ेगा ! जो साधु कपड़ा नहीं रखता है उसे न कपड़ा खोजने की अपेक्षा ,न सिलाई की अपेक्षा ,न कोई धोने की अपेक्षा ! वह कितने व्यवधानों से बच जाता है ! यह जो कपड़ा है वह एक प्रकार से साधना में बाधक है ! क्योंकि कपडे की व्यवस्था करने में भी कितना समय लग जाता है ! यहाँ तक कहा गया कि कपड़ों की पलेषना करना भी एक प्रकार से स्वाध्याय की बाधा है ! स्वाध्याय में जो समय लगता ,उसकी कटौती करके कपड़ों की प्रतिलेखना में कितना समय लग जाता है ! इसिलिये जो मुनि उपधि (कपड़ों) का त्याग कर देता है वह एक दृष्टि से स्वाध्याय का अशत्रू बन जाता है और कपडे न मिलने से जो मन में संक्लेश होता है ,उस संक्लेश से वह मुक्त हो जाता है !

कपड़ा रखना भी है (श्वेताम्बर परंपरा में ) तो साधक यह सोचे कि उसके प्रति मोह ,ममता का भाव न रखूं ! कपडा शरीर को ढकने के लिए है या सर्दी से बचाव करने के लिए है ,उसमे आसक्ति नहीं होनी चाहिये ! बढ़िया कपडा दिखाने की भावना आ गयी ,इसका मतलब है कि कपडे के प्रति हमारे मन में आसक्ति आ गयी ,मोह आ गया !
आज भी दिगम्बर मुनि वस्त्र मुक्त साधना करते हैं ! श्वेताम्बर परम्परा में अपेक्षा से व उपयोगिता के कारण कपड़ा रखने का भी विधान है ,साधना की वह भी एक पद्धति है ! कपड़ा रखे या न रखे ,आसक्ति या मोह तो होना ही नहीं चाहिए !
स्वस्त्र हैं तो भी मोह नहीं हो और निर्वस्त्र (दिगम्बर) हो तो भी किसी प्रकार का मोह या आसक्ति का भाव मन में न आये ,यह साधक की साधना होती है !
आचार्य श्री महाश्रमण  जी की पुस्तक “संवाद भगवान से” भाग -2 से 
 
यहाँ एक बात मै कहना चाहूँगा कि सम्पूर्ण मोह का अभाव वस्त्रों के साथ हो ही नहीं सकता ,इसीलिए मोक्ष नहीं हो सकता और शास्त्र कहते हैं इस पंचम काल में मोक्ष तो है ही नहीं ! यानि दिगम्बर चर्या का सम्पूर्ण पालन करने वाले मुनियों को भी काल के प्रभाव के कारण और शक्ति के अभाव के कारण मोक्ष नहीं हो सकता !

2 comments:

  1. बहुत सुंदर आलेख, सत्य है की दिगम्बर चर्या का सम्पूर्ण पालन करने वाले मुनियों को भी काल के प्रभाव के कारण और शक्ति के अभाव के कारण मोक्ष नहीं हो सकता ! पर यहाँ से विदेह क्षेत्र जाकर तो ही सकता है | उसमे तो वाधा नहीं.

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    1. धन्यवाद अशोक जी ! जय जिनेन्द्र जी !

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